इंतिहा ये है कि 'फ़ानी' दर्द अब दिल हो गया “कुछ टूटे तो उसे सजाना सीखो, कुछ रूठे तो उसे मनाना सीखो, रिश्तों को निभाने का हुनर सीखो, तन्हाई में रह कर मुस्कुराना सीखो।” मंज़र लखनवी टैग : दिल शेयर कीजिए वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले कुछ https://youtu.be/Lug0ffByUck